Wed, 11 Jun 2025 14:00:56 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: रामनगर/प्राचीन संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत की जीवंत मिसाल, काशी की पावन धरती पर एक बार फिर गौरव और परंपरा की सजीव झलक देखने को मिली जब काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह की स्मृति में रामनगर के विश्वप्रसिद्ध रामलीला पंचवटी मैदान में रात्रिकालीन क्रिकेट टूर्नामेंट का भव्य शुभारंभ हुआ। यह आयोजन केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं बल्कि काशी के यशस्वी अतीत को युवाओं से जोड़ने का एक प्रयास था, जिसमें उत्साह, सौहार्द और समर्पण की एक अद्वितीय छवि देखने को मिली।
इस रात्रिकालीन टूर्नामेंट का शुभारंभ क्षेत्र के सम्मानित गणमान्यों की उपस्थिति में हुआ, जिनमें श्री अनिल श्रीवास्तव, श्री अमूल चंद्र सिन्हा, श्री रोशन सिंह राजपूत, श्री अरुणेश सिंह (रोहनिया), रीबू श्रीवास्तव, श्रीमती संगीता पटेल, श्री बब्बू प्रधान, समाजसेवी रामबाबू सोनकर और नरेश यादव प्रमुख रहे। मैदान दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था और जैसे ही उद्घाटन की घोषणा हुई, पूरा पंचवटी मैदान तालियों और जयघोषों से गूंज उठा। युवाओं के जोश, क्रिकेट के जुनून और काशी नरेश की स्मृति में हो रहे इस आयोजन ने एक अलौकिक माहौल निर्मित किया।
काशी नरेश डॉ. विभूति नारायण सिंह, जो कि न केवल काशी के प्रतीक थे बल्कि भारतीय संस्कृति, शिक्षा और आध्यात्मिक चेतना के सशक्त स्तंभ रहे हैं, उनकी स्मृति में इस प्रकार का आयोजन न केवल उन्हें श्रद्धांजलि है, बल्कि वर्तमान पीढ़ी को उनके विचारों से जोड़ने का एक प्रयास भी है। डॉ. विभूति नारायण सिंह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रहे और उन्होंने काशी के गौरव को देश-विदेश तक पहुंचाया।
टूर्नामेंट के उद्घाटन अवसर पर श्री अनिल श्रीवास्तव ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि खेलों में ही देश का भविष्य छिपा है और ऐसी गतिविधियां समाज को सकारात्मक दिशा देने का कार्य करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि खेल मैदान पर उतरने वाला युवा कभी गलत दिशा नहीं पकड़ता, क्योंकि अनुशासन और संघर्ष उसे जीवन की वास्तविकता से जोड़ता है।
वहीं रीबू श्रीवास्तव ने बताया कि यह टूर्नामेंट काशी के गौरवशाली इतिहास और युवा शक्ति के सामर्थ्य का प्रतीक है। उन्होंने इसे एक प्रेरणादायक कदम बताया जो भविष्य में और भी बड़ी योजनाओं का रास्ता खोलेगा।
श्री अमूल चंद्र सिन्हा ने कहा कि खेल सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि समाज को जोड़ने का माध्यम हैं। युवाओं को ऐसे मंचों की अत्यंत आवश्यकता है जहाँ वे अपनी प्रतिभा को सशक्त ढंग से प्रस्तुत कर सकें।
श्रीमती संगीता पटेल ने कहा कि आज के समय में जब युवा अक्सर दिशाहीनता की ओर अग्रसर होते हैं, ऐसे आयोजनों से न केवल प्रतिभाएं उभरती हैं बल्कि समाज में नई ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने विशेष रूप से महिला खिलाड़ियों को भी इस दिशा में आगे आने के लिए प्रेरित किया।
श्री बब्बू प्रधान ने अपनी बात में ज़ोर दिया कि रामनगर जैसी ऐतिहासिक नगरी में ऐसे आयोजनों की आवश्यकता और भी अधिक है, जिससे यहाँ की सांस्कृतिक परंपराएं जीवित रहें और युवाओं का मनोबल बढ़े।
समाजसेवी रामबाबू सोनकर ने कहा कि यह टूर्नामेंट महज़ एक खेल आयोजन नहीं बल्कि एक सामाजिक चेतना है जो युवाओं को नशा, अपराध और बेरोजगारी से दूर ले जाकर खेल और संस्कृति के माध्यम से राष्ट्रनिर्माण में योगदान देना सिखाता है।
शहर भर के युवाओं में इस टूर्नामेंट को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। रामनगर की गलियों से लेकर पंचवटी मैदान तक क्रिकेट का रोमांच हर दिल में धड़क रहा था। आयोजन समिति ने भी भव्य आयोजन के लिए पूरी निष्ठा से व्यवस्थाएं की थीं।प्रकाश, सुरक्षा, चिकित्सा व्यवस्था, दर्शक दीर्घा, सबकुछ अनुशासित और समर्पित दिखा।
यह आयोजन एक उदाहरण है कि जब परंपरा, खेल और सामाजिक चेतना एक साथ आती हैं, तो समाज में नई ऊर्जा, भाईचारा और उत्साह का संचार होता है। काशी नरेश की स्मृति में हुआ यह टूर्नामेंट सिर्फ बल्ले और गेंद का खेल नहीं, बल्कि काशी के स्वाभिमान, संस्कृति और युवा चेतना का उत्सव बनकर उभरा है।
सौजन्य: न्यूज रिपोर्ट