Sat, 07 Jun 2025 21:23:34 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ: कानपुर/गोविंद नगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेंद्र मैथानी ने आज एक अहम मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ स्थित उनके सरकारी आवास 5 कालिदास मार्ग पर मुलाकात की। इस दौरान विधायक मैथानी ने मुख्यमंत्री को एक लिखित और मौखिक ज्ञापन सौंपते हुए, विशिष्ट बी.टी.सी. 2004 चयन प्रक्रिया के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों/शिक्षिकाओं को पुरानी पेंशन योजना (OPS) से आच्छादित करने की पुरजोर मांग की।
विधायक मैथानी ने कहा कि 28 जून 2024 के वित्त विभाग के शासनादेश के तहत सरकार ने उन शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का विकल्प देने का निर्णय लिया है, जिनकी नियुक्ति ऐसे पदों पर हुई जिनका विज्ञापन 28 मार्च 2005 को एनपीएस लागू होने से पूर्व प्रकाशित हुआ था। उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि इस आदेश की व्याख्या स्पष्ट रूप से 2004 के बीटीसी चयनित शिक्षकों पर भी लागू होनी चाहिए, क्योंकि उनके साथ अन्याय हो रहा है और वे इस निर्णय से अभी तक वंचित हैं।
विधायक जी ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि 70,000 लाभार्थियों में से लगभग 40,000 शिक्षक ऐसे हैं जो 2004 के विज्ञापन के आधार पर नियुक्त हुए थे। इनकी नियुक्ति प्रक्रिया 2004 में ही पूरी हो गई थी। शासनादेश दिनांक 14.01.2004 व 20.02.2004, और उसके तहत जारी विज्ञापन 22.01.2004 (संशोधित 22.02.2004) के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन हुआ, प्रशिक्षण शुरू हुआ और फिर नियुक्ति हुई। लेकिन विभागीय प्रक्रियागत देरी के कारण कई शिक्षकों को नियुक्ति दिसंबर 2005 या जनवरी 2006 में मिली, जिस कारण अब कुछ अधिकारी उन्हें पुरानी पेंशन के दायरे से बाहर मान रहे हैं।
मैथानी ने मुख्यमंत्री को बताया कि विभाग की ओर से बार-बार यह कहा जा रहा है कि 2004 का विज्ञापन केवल प्रशिक्षण हेतु था, नियुक्ति हेतु नहीं, और इसके चलते पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता। साथ ही अधिकारियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के निर्णय का हवाला देकर शिक्षकों को अयोग्य ठहराया जा रहा है। जबकि उस समय कोई ऐसा शासनादेश ही नहीं था जो पुराने विज्ञापन के आधार पर पुरानी पेंशन योजना की अनुमति देता हो। अब जब शासनादेश स्पष्ट रूप से यह अनुमति दे रहा है, तो इन शिक्षकों को लाभ से वंचित करना न सिर्फ अनुचित है, बल्कि न्यायिक भावना के भी प्रतिकूल है।
विधायक ने यह भी उल्लेख किया कि इन शिक्षकों के एनपीएस खाते वर्ष 2018 के बाद खुले और कई जनपदों में अभी तक नहीं खुले हैं, जिससे उनकी पेंशन की स्थिति अत्यंत दयनीय है। कई शिक्षक सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं, परंतु उन्हें कोई पेंशन नहीं मिल रही है। ऐसे में उनका जीवन निर्वाह संकट में है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से स्पष्ट शब्दों में अनुरोध किया कि शासनादेश 28.06.2024 की भावना और तथ्यों के आधार पर 2004 बीटीसी चयन प्रक्रिया से चयनित शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने हेतु अविलंब आवश्यक निर्णय लिया जाए।
सभी संबंधित शासनादेशों, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की प्रमाणित प्रतियां विधायक ने अपने मांगपत्र के साथ मुख्यमंत्री को सौंपीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने विधायक मैथानी को इस मुद्दे पर विधिक सलाह प्राप्त करने के बाद उचित और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।
यह मांग यदि स्वीकार कर ली जाती है, तो प्रदेश भर के करीब 40,000 शिक्षक परिवारों को बुढ़ापे की चिंता से राहत मिल सकती है, और उन्हें एक सम्मानजनक जीवनयापन की आधारशिला मिल जाएगी।
विधायक सुरेंद्र मैथानी की यह पहल न सिर्फ शिक्षकों की वर्षों पुरानी पीड़ा को स्वर देने का कार्य है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और कर्मचारी हितैषी दृष्टिकोण की भी एक अहम परीक्षा है।
सौजन्य: न्यूज रिपोर्ट