Tue, 22 Apr 2025 21:12:31 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
जम्मू-कश्मीर: एक बार फिर आतंक की चपेट में आ गया है। पुलवामा हमले के बाद अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला पहलगाम जिले में हुआ, जिसमें कुल 26 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। इस हमले ने न केवल पूरे देश को दहला दिया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंता में डाल दिया है, क्योंकि मृतकों में दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि आतंकियों ने टूरिस्ट बनकर आए लोगों से उनके नाम पूछे और फिर नजदीक से गोली मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हमला बेहद सुनियोजित और बेरहमी से अंजाम दिया गया। हमले के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और सुरक्षाबलों ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, यह हमला विशेष रूप से टूरिस्ट्स और स्थानीय लोगों को निशाना बनाकर किया गया था। आतंकवादियों ने पहले टूरिस्टों की पहचान की, फिर बर्बरता से उन पर गोलियां बरसाईं। दो विदेशी नागरिकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई अन्य विदेशी पर्यटकों को भी चोटें आई हैं। इस जघन्य हमले के बाद सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा है और पूरे क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
केंद्र और राज्य सरकारों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि निर्दोषों पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। गृहमंत्री ने तुरंत उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और स्थिति की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि हमलावरों की पहचान के लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाया जा रहा है और जल्द ही उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।
इस हमले ने पुलवामा की यादें ताजा कर दीं, जब 2019 में एक बड़े आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। हालांकि इस बार हमला नागरिकों पर किया गया है, जो आतंकियों की बदलती रणनीति की ओर इशारा करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आतंकी संगठन अब पर्यटन को निशाना बनाकर जम्मू-कश्मीर की स्थिर होती स्थिति को फिर से अस्थिर करने की साजिश रच रहे हैं।
घटना के बाद से ही जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है और इंटरनेट सेवाओं को भी अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके। स्थानीय प्रशासन लगातार जनता से शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी देने को कहा गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस हमले की निंदा की गई है। कई देशों ने इस बर्बर घटना पर शोक व्यक्त किया है और आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों के प्रति समर्थन जताया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस घटना के बाद भारत का आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंच पर दबाव बनाने का अभियान और मजबूत हो सकता है।
फिलहाल, पूरे देश की निगाहें जम्मू-कश्मीर पर टिकी हुई हैं, जहां सुरक्षाबल आतंकियों की तलाश में जुटे हैं। आम नागरिकों में भय का माहौल है, लेकिन साथ ही एकजुटता का भाव भी दिखाई दे रहा है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। आने वाले दिन इस बात का संकेत देंगे कि भारत इस नृशंस हमले का किस प्रकार जवाब देता है और कैसे आतंक के खिलाफ अपने संकल्प को और मजबूत करता है।