Wed, 23 Apr 2025 21:25:24 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
नई दिल्ली: पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने तुरंत प्रभावी और सख्त कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार देर रात प्रधानमंत्री आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई गई, जो करीब ढाई घंटे तक चली। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल सहित शीर्ष सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस उच्चस्तरीय बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े निर्णय लिए गए, जो भारत के रुख में आए कठोर बदलाव को दर्शाते हैं।
बैठक के बाद सामने आए निर्णयों के मुताबिक, सबसे पहले भारत ने सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से रोकने का फैसला किया है। इसके साथ ही अटारी बॉर्डर के जरिए भारत और पाकिस्तान के बीच आवागमन को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। इतना ही नहीं, भारत में पाकिस्तानी दूतावास को बंद करने का निर्णय लिया गया है और भारतीय दूतावास को भी पाकिस्तान से वापस बुलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पाकिस्तानी राजनयिकों को सात दिनों के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने घोषणा की है कि अगली सूचना तक किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारतीय वीजा जारी नहीं किया जाएगा।
सरकार ने राष्ट्रीय सहमति के लिए गुरुवार को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है, जिसमें सभी प्रमुख दलों से इस संकट पर विचार-विमर्श किया जाएगा। वहीं, पहलगाम में हमले के एक दिन बाद श्रीनगर से दिल्ली तक सुरक्षा बैठकों का दौर चलता रहा, जिसमें आगे की रणनीति पर विमर्श हुआ।
गौरतलब है कि मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। यह हमला उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में पर्यटक घाटी में मौजूद थे। मारे गए लोगों में उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा राज्यों के नागरिक शामिल हैं। इसके अलावा नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के एक-एक पर्यटक तथा दो स्थानीय लोग भी इस हमले का शिकार बने हैं।
हमले के बाद सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने कार्रवाई तेज कर दी है। एजेंसियों ने तीन संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं, जिनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा बताए जा रहे हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस हमले की साजिश लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद ने रची थी, जो इस समय पाकिस्तान में मौजूद है। रिपोर्ट के मुताबिक हमले में कुल पांच आतंकी शामिल थे, जिनमें दो स्थानीय और तीन पाकिस्तानी नागरिक बताए जा रहे हैं। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन 'द रजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने ली है।
पाकिस्तान की तरफ से इस हमले में किसी भी प्रकार के संलिप्तता से इनकार किया गया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बयान जारी कर कहा कि इस हमले में पाकिस्तान का कोई हाथ नहीं है। बावजूद इसके, भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियां हमले के पीछे की साजिश की गहराई से जांच कर रही हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबलों ने व्यापक तलाशी अभियान चलाते हुए सैकड़ों संदिग्धों को हिरासत में लिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम भी जांच के लिए पहलगाम पहुंच चुकी है।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को श्रीनगर के पुलिस कंट्रोल रूम का दौरा कर पहलगाम हमले के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। हमले के खिलाफ गुस्से और शोक की लहर के बीच आज जम्मू-कश्मीर में बंद का आह्वान किया गया है, जिसे व्यापक समर्थन मिला है।
पहलगाम हमले के बाद से देशभर में गुस्सा और शोक का माहौल है। सरकार के इस त्वरित और कड़े रुख ने साफ संकेत दिया है कि भारत अब आतंकवाद और उसे समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगा। आने वाले दिनों में भारत की विदेश नीति और आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर और भी बड़े कदम देखने को मिल सकते हैं।