Sat, 26 Apr 2025 09:08:58 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी/रामनगर: एक ओर जहां वाराणसी की ऐतिहासिक धरोहरें विश्व भर में अपनी पहचान बनाए हुए हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इस विरासत पर कालिख पोतने में जुटे हैं। रामनगर के पंचवटी क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संपत्ति, काशी नरेश महाराज के स्वामित्व वाले खाली मैदान पर हाल ही में अवैध कब्जे और व्यावसायिक गतिविधियों का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
ऑल इंडिया काशीराज ट्रस्ट और रामनगर दुर्ग प्रशासन ने इसे लेकर गहरी चिंता जताई है। शिकायत के अनुसार, इस जमीन पर अवैध तरीके से भूसा लदे ट्रक खड़े किए जा रहे हैं और अस्थायी रूप से एक भूसा मंडी का संचालन किया जा रहा है। बिना किसी वैधानिक अनुमति के की जा रही यह गतिविधि न सिर्फ संपत्ति के अधिकारों का खुला उल्लंघन है, बल्कि काशी नरेश की गरिमा और रामनगर दुर्ग की प्रतिष्ठा पर भी सवालिया निशान लगा रही है।
रामनगर दुर्ग के सुरक्षा अधिकारी द्वारा थाना रामनगर को सौंपी गई तहरीर में साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि यह जमीन वर्षों से सार्वजनिक आयोजनों और धार्मिक कार्यक्रमों के लिए सुरक्षित रही है। अवैध कब्जे के चलते न केवल ऐतिहासिक महत्व की इस भूमि की पवित्रता प्रभावित हो रही है, बल्कि काशी की गौरवशाली परंपरा पर भी आंच आ रही है।
मीडिया और जनचेतना का दबाव बढ़ा
मामले ने तब तूल पकड़ा जब मीडिया में खबरें प्रसारित होने लगीं और स्थानीय नागरिकों में भी आक्रोश पनपने लगा। क्षेत्रीय नागरिकों ने बताया कि इस तरह के अवैध अतिक्रमण से न केवल ऐतिहासिक धरोहरें खतरे में हैं, बल्कि वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है। भूसे की धूल उड़ने से आस-पास के निवासियों को सांस संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है।
दुर्ग प्रशासन ने जताई सख्त आपत्ति
रामनगर दुर्ग प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि ऑल इंडिया काशीराज ट्रस्ट की अनुमति के बिना इस प्रकार की कोई भी व्यावसायिक गतिविधि पूरी तरह अवैध है। प्रशासन ने मांग की है कि इस भूमि को तुरंत अतिक्रमण मुक्त कराया जाए और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
सुरक्षा अधिकारी ने यह भी कहा कि इस तरह की हरकतें महाराज काशी नरेश की छवि को धूमिल करने की कोशिश हैं, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रशासन हरकत में, जांच शुरू
थाना रामनगर पुलिस ने तहरीर प्राप्त करने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू कर दी है। स्थानीय प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, अवैध कब्जे से जुड़े लोगों की पहचान की जा रही है और जल्द ही आवश्यक कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
आखिर कब रुकेगा ऐतिहासिक धरोहरों से खिलवाड़?
यह घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है, जब देशभर में सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के प्रयास हो रहे हैं, तो आखिर स्थानीय प्रशासन की नाक के नीचे ऐतिहासिक भूमि पर इस तरह का अवैध कब्जा कैसे पनप सकता है।
काशी नरेश की विरासत और वाराणसी की गरिमा को सुरक्षित रखने के लिए अब सख्त और निर्णायक कदम उठाए जाने की जरूरत है।