Wed, 21 May 2025 14:32:05 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
गाजीपुर: मरदह थाना क्षेत्र स्थित नरवर गांव में बुधवार सुबह एक धार्मिक आयोजन की तैयारी के दौरान हृदय विदारक हादसा हो गया, जब काशीदास बाबा की पूजा के लिए बांस लगाते समय बांस का ऊपरी सिरा ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन से छू गया। इस घटना ने कुछ ही क्षणों में सात लोगों को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे मौके पर अफरातफरी मच गई और चीख-पुकार गूंजने लगी। हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलस गए हैं, जिनका मऊ के फातिमा अस्पताल में इलाज जारी है।
यह दर्दनाक हादसा सुबह करीब साढ़े छह बजे उस समय हुआ जब स्थानीय ग्रामीण नरवर गांव में काशीदास बाबा की पारंपरिक पूजा की तैयारियों में जुटे थे। इस धार्मिक आयोजन में हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आसपास के जनपदों से भाग लेते हैं। बुधवार को आयोजन का समय 11 बजे निर्धारित था, इसी के चलते श्रद्धालु सुबह से ही मंडप निर्माण व सजावट में जुटे थे। पूजन मंडप बनाने के लिए ग्रामीणों द्वारा खेत से बांस लाए जा रहे थे और एक झंडा लगाने की प्रक्रिया चल रही थी। इसी दौरान बांस का ऊपरी सिरा अचानक हाइटेंशन तार से स्पर्श कर गया और बिजली का तेज़ करंट सात लोगों को चपेट में ले गया।
हादसे में रविंद्र यादव (28), गोरख यादव (20), छोटू यादव (35), संतोष यादव (25), अमन यादव (22), अमेरिका यादव (16) और जितेंद्र यादव (16) गंभीर रूप से घायल हो गए। जब तक लोग कुछ समझ पाते, इन सभी की हालत बिगड़ चुकी थी। आनन-फानन में ग्रामीणों और पुलिस ने मिलकर सभी को इलाज के लिए मऊ के फातिमा अस्पताल भेजा, जहां चिकित्सकों ने रविंद्र यादव, अजय यादव, छोटेलाल और अमन यादव को मृत घोषित कर दिया। मृतक रविंद्र यादव उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे और वर्तमान में अम्बेडकर नगर में तैनात थे।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। मरदह थाने की पुलिस के साथ-साथ एएसपी ग्रामीण अतुल कुमार सोनकर, कासिमाबाद क्षेत्राधिकारी व अन्य अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य में सहयोग किया। प्रशासन ने तत्काल एंबुलेंस की व्यवस्था कर घायलों को अस्पताल भेजा। वहीं, एसडीएम मनोज कुमार पाठक भी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण कर लेखपाल को निर्देश दिए कि घटना की विस्तृत जांच कर शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
दूसरी ओर, इस दुर्घटना की सूचना जैसे ही परिजनों और गांव के अन्य लोगों को मिली, अस्पताल में परिजनों का तांता लग गया। मृतकों के परिवारों में कोहराम मच गया और महिलाओं के विलाप से वातावरण गमगीन हो गया। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए घायलों के समुचित इलाज के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि घायल व्यक्तियों को हरसंभव चिकित्सीय सहायता दी जाए और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने राहत व पुनर्वास संबंधी प्रक्रिया तेज कर दी है।
यह हादसा न केवल एक धार्मिक आयोजन की त्रासदी में बदल गया, बल्कि गांव के कई परिवारों की खुशियों को भी निगल गया। प्रशासनिक स्तर पर अब यह जांच की जा रही है कि आयोजन स्थल के ऊपर से हाइटेंशन लाइन गुजरने के बावजूद ऐसी सुरक्षा चूक कैसे हुई। ग्रामीणों की मांग है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए संबंधित विभागों को उचित कदम उठाने चाहिए।
इस दुखद घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सार्वजनिक आयोजनों में सुरक्षा मानकों का पालन कितना जरूरी है, विशेषकर उन स्थानों पर जहां हाइटेंशन विद्युत लाइनें गुजर रही हों। अब सभी की निगाहें प्रशासन की ओर हैं कि इस मामले में कितनी तत्परता और संवेदनशीलता से आगे कार्रवाई की जाती है।