Tue, 22 Apr 2025 11:00:49 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: भारतीय फिल्म जगत के चर्चित निर्देशक अनुराग कश्यप एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। इस बार मामला अत्यंत गंभीर है, जहां ब्राह्मण समाज के खिलाफ कथित तौर पर अमर्यादित और आपत्तिजनक टिप्पणी करने के चलते उनके खिलाफ वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस घटनाक्रम ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी सनातन संस्कृति से जुड़े संगठनों और समाज के प्रबुद्ध वर्ग में तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भदैनी क्षेत्र निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता गोविन्द चतुर्वेदी ने भेलूपुर थाने में दी गई तहरीर में आरोप लगाया कि अनुराग कश्यप ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर ब्राह्मण समाज को लेकर अत्यंत आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। तहरीर में कहा गया है कि कश्यप की इस टिप्पणी का उद्देश्य सनातन धर्म को विभाजित करना, सामाजिक समरसता को बाधित करना और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को कमजोर करना है। गोविन्द चतुर्वेदी ने इसे ‘राष्ट्रविरोधी मानसिकता’ का परिचायक करार देते हुए अनुराग कश्यप पर समाज में विद्वेष फैलाने की गहरी साजिश रचने का आरोप लगाया।
भेलूपुर थाना प्रभारी निरीक्षक गोविंद कुशवाहा ने बताया कि तहरीर के आधार पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। साइबर सेल को भी इस मामले की तकनीकी जांच सौंप दी गई है, जो सोशल मीडिया पोस्ट्स की गहन पड़ताल कर रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, इंस्टाग्राम पर किया गया विवादित पोस्ट अब डिजिटल सबूत के रूप में संरक्षित कर लिया गया है, जिसे जांच के दौरान अदालत में पेश किया जाएगा।
इस बीच ब्राह्मण समाज और विभिन्न धार्मिक-सामाजिक संगठनों में अनुराग कश्यप के बयान को लेकर गहरा असंतोष देखा जा रहा है। वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ और दिल्ली सहित कई शहरों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं। कई स्थानों पर समाज के लोगों ने अनुराग कश्यप के पुतले फूंके और सरकार से उनकी गिरफ्तारी की मांग की। ब्राह्मण महासभा, सनातन धर्म रक्षा समिति जैसे संगठनों ने भी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
ब्राह्मण महासभा ने कहा, "इस प्रकार की अभद्र टिप्पणियाँ न केवल हमारी संस्कृति का अपमान करती हैं, बल्कि समाज में वैमनस्य पैदा करने का कार्य भी करती हैं। हम अनुराग कश्यप से बिना शर्त सार्वजनिक माफी की मांग करते हैं और अगर ऐसा नहीं होता है तो हम राष्ट्रव्यापी आंदोलन छेड़ने को बाध्य होंगे।"
वहीं, कानूनी जानकारों का मानना है कि यदि साइबर जांच में आरोप सही साबित होते हैं तो अनुराग कश्यप को न केवल कड़ी सजा मिल सकती है, बल्कि उनकी पेशेवर छवि को भी गंभीर नुकसान हो सकता है। सोशल मीडिया पर भी दो धड़े बनते दिखाई दे रहे हैं। एक वर्ग कश्यप के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रहा है, वहीं कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में बताते हुए समर्थन कर रहे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह बहस तेज कर दी है कि सोशल मीडिया जैसे प्लेटफार्मों पर सार्वजनिक हस्तियों द्वारा की जाने वाली टिप्पणियाँ किस हद तक जिम्मेदारीपूर्ण होनी चाहिए। विशेषकर तब जब मामला धर्म और सामाजिक भावनाओं से जुड़ा हो, जहां जरा सी चूक भी बड़े विवाद को जन्म दे सकती है।
फिलहाल, पुलिस प्रशासन ने निष्पक्ष और त्वरित जांच का भरोसा दिलाया है। साइबर सेल के अधिकारी सभी डिजिटल साक्ष्यों का गहन विश्लेषण कर रहे हैं और जल्द ही मामले में आगे की कार्रवाई के संकेत मिल सकते हैं। उधर, ब्राह्मण समाज ने भी साफ कर दिया है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, विरोध की धार मंद नहीं होगी।
अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि अनुराग कश्यप इस गंभीर आरोप का किस प्रकार जवाब देते हैं और न्यायिक प्रक्रिया में उनका रुख क्या होता है।