Mon, 26 May 2025 12:58:55 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ: उत्तर भारत में इस बार गर्मी ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। चिलचिलाती धूप, लगातार बढ़ते तापमान और लू के थपेड़ों ने आमजन की दिनचर्या को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सबसे अधिक परेशानी उन परिवारों को हो रही है जिनके घरों में छोटे बच्चे या बुजुर्ग हैं। ऐसे में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि लोग सतर्क रहें और गर्मियों में स्वयं तथा अपने परिवार, विशेषकर बच्चों की देखभाल बेहद सावधानीपूर्वक करें।
गर्मी के मौसम में क्या खतरे होते हैं?
चिकित्सकों के अनुसार, गर्मियों में शरीर पर कई तरह के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इनमें से कुछ सामान्य लेकिन खतरनाक प्रभाव इस प्रकार हैं:
✅हीट स्ट्रोक (लू लगना): शरीर का तापमान 104°F से ऊपर चला जाना जिससे सिरदर्द, बेहोशी और यहां तक कि मौत भी हो सकती है।
✅डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण): अत्यधिक पसीना आने से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है।
✅सनबर्न और रैशेज: त्वचा पर जलन, लालिमा और खुजली हो सकती है, खासकर बच्चों में।
✅खाद्य विषाक्तता (फूड पॉइज़निंग): खराब या बासी खाना खाने से पेट की बीमारियाँ होती हैं।
क्या करें – गर्मियों में अपनाएं ये ज़रूरी उपाय
1. पर्याप्त पानी पिएं:
दिनभर में कम से कम 8–10 गिलास पानी अवश्य पिएं। छोटे बच्चों को हर घंटे कुछ न कुछ तरल जरूर दें – चाहे वो पानी हो, नींबू पानी, नारियल पानी या छाछ।
2. हल्के सूती कपड़े पहनें:
टाइट और सिंथेटिक कपड़े शरीर की गर्मी को बढ़ाते हैं। बच्चों को ढीले और सूती कपड़े पहनाएं।
3. धूप में निकलने से बचें:
सुबह 11 बजे से दोपहर 4 बजे तक घर में रहें। यदि आवश्यक हो तो सिर को टोपी, गमछे या छतरी से ढककर निकलें।
4. घर को ठंडा बनाएं:
खिड़कियों पर मोटे पर्दे लगाएं। घर में मिट्टी का घड़ा रखें, जिससे स्वाभाविक रूप से ठंडा पानी मिल सके।
5. ठंडे और ताजे खाद्य पदार्थों का सेवन करें:
दही, छाछ, फल, तरबूज, खीरा, ककड़ी जैसे खाद्य पदार्थ शरीर को ठंडा रखते हैं।
6. बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान दें:
उन्हें बाहर का खाना, बर्फ के गोले, कटे फल आदि न खाने दें। उनके टिफिन में हल्का, सुपाच्य और घर का बना भोजन दें।
क्या न करें – इन बातों से बचें
✅खाली पेट घर से बाहर न निकलें। धूप में निकलने से पहले कुछ हल्का जरूर खाएं।
✅गर्म पेय पदार्थों और अधिक कैफीन से बचें। चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक शरीर में पानी की कमी को और बढ़ाते हैं।
✅कार में बच्चों को अकेला न छोड़ें। गर्म कार के अंदर कुछ ही मिनटों में तापमान जानलेवा हो सकता है।
✅बासी, तले-भुने भोजन और खुली मिठाइयों से परहेज़ करें।
गर्मी में ये जल्दी खराब हो जाते हैं और पेट की बीमारी का कारण बनते हैं।
बच्चों की देखभाल: विशेष सावधानियाँ
बच्चे गर्मी को सहन करने में असमर्थ होते हैं। उन्हें बार-बार पानी पिलाना, छांव में रखना और खेल के समय टोपी पहनाना आवश्यक है।
✅गर्मी के दिनों में उन्हें नहलाना न भूलें।
✅पाउडर या एंटी रैश क्रीम लगाएं ताकि त्वचा पर चकत्ते न हों।
✅अगर बच्चा सुस्त लगे, बार-बार पसीना आए या उल्टी-जैसे लक्षण हों, तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉ. अनीता श्रीवास्तव, बाल रोग विशेषज्ञ, लखनऊ कहती हैं,
“गर्मी में बच्चों को लापरवाही से बाहर खेलना, भूखे पेट निकलना या गंदा पानी पीना खतरनाक साबित हो सकता है। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों की दिनचर्या पर नज़र रखें और उन्हें बार-बार पानी या तरल पदार्थ देते रहें।”
गर्मी से बचाव कोई मुश्किल काम नहीं, यदि हम सजग और जागरूक रहें।
यह मौसम हमें एक जिम्मेदार अभिभावक, नागरिक और इंसान बनने का मौका देता है। अपने साथ-साथ दूसरों का भी ख्याल रखें । यही गर्मी से जीतने का सबसे प्रभावी उपाय है।