देवरिया में करंट लगने से दर्दनाक हादसा: सेना के जवान सहित तीन की मौत, पांच गंभीर

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के जनुआ गांव में टीन शेड लगाते समय करंट लगने से सेना के जवान सहित तीन की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

Fri, 23 May 2025 21:30:10 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

देवरिया: शुक्रवार को देवरिया जनपद के लार थाना क्षेत्र अंतर्गत जनुआ गांव में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। टीन शेड लगाने के दौरान एक पाइप में करंट उतर आया, जिससे सेना के जवान सहित तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग गंभीर रूप से झुलस गए। हादसे के तुरंत बाद घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति गंभीर देखते हुए उन्हें देवरिया मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब गांव में निर्माण कार्य के तहत एक टीन शेड लगाया जा रहा था। बताया गया कि इस प्रक्रिया में उपयोग किए जा रहे लोहे के पाइप में किसी वजह से करंट उतर आया। टीन शेड को पकड़कर सहारा दे रहे लोग बिजली के प्रवाह में सीधे तौर पर आ गए और कुछ ही पलों में बेहोश होकर गिर पड़े। वहां मौजूद अन्य ग्रामीणों ने तत्काल घटना की गंभीरता को समझते हुए पूरी सावधानी के साथ बिजली आपूर्ति बंद कराई और झुलसे हुए लोगों को करंट की चपेट से अलग किया।

इस दुर्घटना में जिन तीन लोगों की जान गई, उनमें सबसे पहले नाम है 27 वर्षीय मोनू पांडे, जो भारतीय सेना में कार्यरत थे और हाल ही में छुट्टी पर अपने गांव आए थे। दूसरा मृतक 18 वर्षीय पवन कुशवाहा है, जो गांव का ही निवासी था और तीसरा मृतक 22 वर्षीय शिवम पांडे है, जो मोनू का करीबी रिश्तेदार बताया जा रहा है। ये तीनों लोग शेड के निर्माण कार्य में मदद कर रहे थे और करंट लगने से उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच गई। स्थानीय थाना प्रभारी ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है और यह जानने की कोशिश की जा रही है कि पाइप में करंट कैसे उतरा। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि पास ही से गुजर रही विद्युत लाइन के संपर्क में पाइप आ गया होगा। फिलहाल मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और घायलों के इलाज के लिए हर संभव चिकित्सा सहायता सुनिश्चित की जा रही है।

इस दुर्घटना के बाद गांव में शोक की लहर फैल गई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, मोनू पांडे का व्यवहार बेहद मिलनसार और मददगार था। सेना में सेवा देने के कारण गांव में उनका सम्मान भी बहुत था। उनकी असामयिक मृत्यु से हर कोई आहत है। वहीं, पवन और शिवम की मौत ने दो और परिवारों को गहरे दुख में डुबो दिया है।

यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन कितना आवश्यक है। बिजली जैसी घातक चीज से थोड़ी सी भी असावधानी जानलेवा साबित हो सकती है। जिला प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि यदि लापरवाही की बात सामने आती है, तो दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

देवरिया का यह हादसा न केवल तीन परिवारों के लिए अपूरणीय क्षति है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक चेतावनी भी है कि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों ने संयुक्त रूप से मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिवारों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।

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