चंदौली: कुछमन स्टेशन पर मालगाड़ी से कटकर महिला पोर्टर की मौत, परिवार में मचा कोहराम

चंदौली के कुछमन स्टेशन पर ट्रेन को सिग्नल देते समय मालगाड़ी की चपेट में आने से महिला पोर्टर की दर्दनाक मौत, चार माह पहले ही मृतक आश्रित के तहत मिली थी नौकरी।

Mon, 12 May 2025 18:43:59 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

चंदौली: अलीनगर थाना क्षेत्र स्थित कुछमन रेलवे स्टेशन पर सोमवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया, जब ट्रेन को सिग्नल दिखाने के दौरान एक महिला पोर्टर की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई। मृतका की पहचान 35 वर्षीय पूजा राजभर के रूप में हुई है, जो चार माह पहले ही अपने दिवंगत पिता की जगह मृतक आश्रित के तहत रेलवे विभाग में पोर्टर के पद पर नियुक्त हुई थीं। इस घटना से न केवल उनके परिवार, बल्कि रेलवे कर्मचारियों में भी शोक की लहर दौड़ गई है।

पूजा राजभर, सकलडीहा कोतवाली क्षेत्र के तिरहूपुर गांव की रहने वाली थीं। पिता की असमय मृत्यु के बाद उन्हें परिवार की आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए नौकरी मिली थी। कुछमन स्टेशन पर उनकी ड्यूटी ट्रेनों को झंडी दिखाने और अन्य पोर्टर कार्यों की थी। सोमवार को, लगभग दोपहर एक बजे के करीब, पूजा एक यात्री ट्रेन को रवाना करने के बाद ट्रैक पार कर रही थीं, तभी विपरीत दिशा से आ रही एक मालगाड़ी ने उन्हें चपेट में ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उन्हें हादसे का अंदाजा नहीं हो सका और ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज थी कि उन्हें बचने का मौका नहीं मिल पाया।

घटना की जानकारी मिलते ही स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। सूचना पाकर जीआरपी मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया। उधर, परिजनों को जैसे ही इस दुर्घटना की सूचना मिली, घर में कोहराम मच गया। पूजा के पति वीरेंद्र राजभर भी रेलवे में कार्यरत हैं और ट्रेन पायलट के पद पर तैनात हैं। दंपति का एक मात्र पुत्र है, जिसकी उम्र महज डेढ़ साल है। अब यह मासूम अपनी मां की ममता से वंचित हो गया है।

स्थानीय लोगों और रेलवे कर्मचारियों ने इस दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उनका कहना है कि पूजा जिम्मेदार और कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारी थीं, जो हमेशा समय पर ड्यूटी पर पहुंचती थीं और काम को लेकर बेहद सजग थीं। कई लोगों ने यह भी सवाल उठाए हैं कि स्टेशन पर सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हो रहा है और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं न हों।

रेलवे प्रशासन की ओर से अभी तक इस हादसे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। साथ ही मृतका के परिवार को हर संभव सहायता और मुआवजा देने पर विचार किया जा रहा है।

पूजा राजभर की मृत्यु से उनका परिवार, विशेषकर उनका छोटा बेटा और पति, गहरे सदमे में हैं। यह हादसा न केवल एक परिवार की व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी एक गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। जब तक रेलवे द्वारा जमीनी स्तर पर कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए जाते, तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे और कई मासूम बच्चे अपनी मां या पिता को यूं ही खोते रहेंगे।

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