Sun, 06 Apr 2025 18:39:27 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
चंदौली: मानवता को झकझोर देने वाली एक हृदय विदारक घटना ने चंदौली जिले के बबुरी थाना क्षेत्र के सुरौली गांव को गहरे शोक और सवालों में डुबो दिया है। तीन साल की मासूम किंजल, जो चार मार्च की शाम को खेलते-खेलते अचानक लापता हो गई थी, उसका नन्हा, निष्प्राण शरीर रविवार को उसी गांव में उसके घर के पास भूसे के ढेर में दबा हुआ मिला। मासूम की मौत ने न सिर्फ उसके परिवार की दुनिया उजाड़ दी, बल्कि पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है।
किंजल के पिता, गोरख चौहान, आंखों में आसुओं का समंदर लिए बार-बार यही दोहरा रहे हैं — "हमारी गुड़िया खेलते-खेलते कहां चली गई थी...?" मां की चीखों से गूंजता आंगन, रिश्तेदारों की सिसकियां और गांव वालों की चिंतित नजरें — सब मिलकर यह बयां कर रही हैं कि ये सिर्फ एक मौत नहीं, एक रहस्य है जो शायद अभी खुलना बाकी है।
गायब हुई मासूम, और फिर एक सन्नाटा…
शुक्रवार शाम करीब सात बजे किंजल अपने घर के बाहर खेल रही थी। एक मासूम हंसी, छोटी-छोटी चप्पलें, और दुनिया से बेखबर एक बच्ची। लेकिन कुछ ही पलों में वो कहीं गायब हो गई। परिजनों ने आस-पड़ोस, गलियों, खेतों तक तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। थक-हार कर उन्होंने शनिवार को बबुरी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
रविवार को टूटा मातम का पहाड़:
रविवार की सुबह एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसने गांव की रूह को कंपा दिया। घर से कुछ ही दूरी पर, गोरख चौहान के ही भूसे के ढेर से बदबू आने लगी। जब लोगों ने उसे हटाया, तो नीचे मासूम किंजल का शव मिला — निष्प्राण, शांत, लेकिन जैसे कुछ कह रही हो अपनी खामोशी से।
पुलिस की थ्योरी बनाम गांव की शंका:
थानाध्यक्ष मुकेश तिवारी का कहना है कि प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत होता है कि बच्ची खेलते समय भूसे के ढेर के पास चली गई, और ढेर के गिर जाने से उसमें दबकर दम घुट गया। फॉरेंसिक टीम ने भी मौके की जांच की और शव पर किसी चोट के निशान नहीं पाए।
लेकिन गांव के लोगों को यह कहानी अधूरी लग रही है। उनका कहना है कि जिस ढेर में बच्ची मिली, वह अच्छी तरह व्यवस्थित था और उसमें से बदबू पहले नहीं आ रही थी। कई लोगों का मानना है कि बच्ची को कहीं और रखा गया और बाद में वहां लाकर छिपाया गया। हालांकि, अभी तक किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है।
मां-बाप की दुनिया उजड़ गई:
गोरख और उनकी पत्नी की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। किंजल उनका इकलौता सहारा थी। अब हर कोना उन्हें उसकी याद दिला रहा है — उसका खिलौना, उसकी हंसी, उसका झूला। एक गांव की मासूम बच्ची की मौत ने कई जिंदगियों को अधूरा कर दिया है।
क्या ये केवल हादसा है या किसी साजिश की परतें हैं:
सवाल अब यह है कि क्या यह वाकई एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा था, जैसा पुलिस मान रही है, या इसके पीछे कुछ ऐसा है जो छुपाया जा रहा है? जांच जारी है, लेकिन जब तक पूरा सच सामने नहीं आता, तब तक सुरौली की हवा में सन्नाटा और शंका बनी रहेगी।
यूपी खबर की विशेष अपील:
हमारा निवेदन है कि इस मामले की निष्पक्ष और गहराई से जांच की जाए, ताकि एक मासूम की मौत के पीछे की सच्चाई सामने आ सके। अगर यह हादसा है, तो भी इससे सीख लेकर बच्चों की सुरक्षा के प्रति और सतर्कता जरूरी है। लेकिन अगर इसमें कोई साजिश है, तो दोषियों को कड़ी सजा मिले — यही किंजल के साथ सच्चा न्याय होगा।