Sat, 17 May 2025 20:21:42 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
चंदौली: जयरामपुर क्षेत्र में इंसानियत और संवेदनशीलता की एक मिसाल तब देखने को मिली जब हाईवे के किनारे एक बेसहारा गौमाता वाहन की टक्कर से घायल अवस्था में पड़ी थी। सड़क किनारे दर्द से तड़प रही इस निर्दोष प्राणी पर किसी की नजर भले ही न पड़ी हो, लेकिन जैसे ही होटल 'तंदूरी हाट' के मालिक आकाश सिंह की निगाह इस निरीह पशु पर पड़ी, उनके भीतर का संवेदनशील मन तुरंत सक्रिय हो उठा।
होटल से बाहर निकलकर उन्होंने तत्काल मौके की स्थिति को समझा और बिना देर किए जिला गौसेवा संघ के अध्यक्ष परमानंद तिवारी को इसकी जानकारी दी। परमानंद तिवारी भी वर्षों से गौ सेवा में निष्ठा के साथ लगे हुए हैं और ऐसी हर परिस्थिति में तत्पर रहते हैं। सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंचे और पशु चिकित्सक को तत्काल बुलवाया।
घायल गौमाता को अत्यंत सावधानीपूर्वक प्राथमिक चिकित्सा दी गई, उसके जख्मों का इलाज किया गया और उसके बाद परमानंद तिवारी के प्रयासों से उसे सैयदराजा स्थित अस्थायी 'कन्हा गो आश्रय केंद्र' में सुरक्षित पहुंचाया गया, जहां अब उसकी देखरेख और उपचार की समुचित व्यवस्था की जा रही है।
इस पूरे घटनाक्रम में जिस तरह से एक आम नागरिक ने मानवीय संवेदनाओं के साथ तत्काल प्रतिक्रिया दी और फिर सामाजिक संगठनों ने जिम्मेदारी लेते हुए उसे नई जिंदगी देने का कार्य किया, वह आज के समाज में एक प्रेरणा बन सकती है।
जहां आज के समय में लोग अक्सर सड़क पर बेसहारा पशुओं को नजरअंदाज कर देते हैं, वहीं आकाश सिंह जैसे जागरूक नागरिक और परमानंद तिवारी जैसे समर्पित समाजसेवी यह साबित करते हैं कि करुणा और दया जैसे गुण आज भी हमारे समाज में जीवित हैं।
यह सिर्फ एक घायल गौमाता की मदद की कहानी नहीं, बल्कि यह मानवता के उन मूल्यों की पुनर्प्रतिष्ठा है, जिन्हें हमें हर परिस्थिति में जीवित रखना चाहिए। इस घटना ने न सिर्फ एक जीवन को बचाया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि यदि हम सभी थोड़ी सी भी जिम्मेदारी और संवेदना दिखाएं तो समाज में सकारात्मक बदलाव संभव है।
गौसेवा संघ की ओर से यह भी कहा गया है कि यदि आमजन ऐसे ही मामलों की सूचना समय पर दें, तो और भी बेसहारा पशुओं की जान बचाई जा सकती है। पशु चिकित्सकों की टीम ने भी त्वरित सेवा देने में तत्परता दिखाई, जो प्रशासन और स्थानीय समाज के बीच बेहतर समन्वय का संकेत देता है।
आकाश सिंह और परमानंद तिवारी जैसे लोग आज न केवल चंदौली जिले के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत बनकर उभरे हैं। यह घटना यह भी दर्शाती है कि छोटी-सी सजगता और संवेदना कैसे किसी जीवन को नई उम्मीद दे सकती है।