चंदौली: काजू गले में फंसने से पूर्व प्रधान के इकलौते पुत्र की दर्दनाक मौत, गांव में शोक

चंदौली के अलीनगर में पूर्व प्रधान मनोज कुमार के चार वर्षीय पुत्र गिल्ली की काजू गले में फंसने से दुखद मृत्यु हो गई, जिससे पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।

Sun, 27 Apr 2025 17:35:33 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

चंदौली,: अलीनगर थाना क्षेत्र स्थित चंदौली खुर्द गांव में रविवार को एक दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। गांव के पूर्व प्रधान मनोज कुमार के चार वर्षीय पुत्र गिल्ली की काजू गले में फंस जाने से मौत हो गई। परिवार वालों ने उसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। पहले उसे आसपास के निजी चिकित्सकों के पास ले जाया गया, जहां से जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना से न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव में गहरा शोक व्याप्त है।

गांव के प्रतिष्ठित पूर्व प्रधान मनोज कुमार के दो पुत्रियां और एक मात्र पुत्र गिल्ली था। गिल्ली का जन्म ही परिवार के लिए विशेष खुशी का कारण रहा था, लेकिन दुर्भाग्यवश, बीते रविवार को वह हमेशा के लिए सबको छोड़कर चला गया। बताया जा रहा है कि लगभग छह महीने पहले सोते समय गिल्ली के गले की हंसली (कॉलरबोन) टूट गई थी। इलाज के बाद वह धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहा था। उसे विशेष रूप से पौष्टिक आहार जैसे काजू और बादाम पीसकर दूध के साथ दिया जाता था ताकि उसकी शारीरिक रिकवरी में मदद मिल सके। आम दिनों में वह कुछ काजू स्वयं भी खा लिया करता था और उसमें कोई परेशानी नहीं आती थी।

लेकिन रविवार को, जब गिल्ली ने सामान्य तरीके से काजू खाने की कोशिश की, तो एक काजू अचानक उसके गले में फंस गया। गिल्ली की घबराहट और सांस लेने में दिक्कत देखकर परिजन तुरंत उसके पास पहुंचे और फंसे हुए काजू को निकालने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। स्थिति गंभीर देख उसे तुरंत पास के निजी अस्पतालों में ले जाया गया, परंतु वहां के डॉक्टरों ने भी उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला चिकित्सालय पहुंचने तक गिल्ली की हालत अत्यंत गंभीर हो चुकी थी और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इकलौते पुत्र की आकस्मिक मौत से मनोज कुमार और उनके पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिवार का हर सदस्य बेसुध हो गया और पूरे गांव में मातम छा गया। गिल्ली की मासूम मुस्कान अब केवल यादों में रह गई है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है और गांव के लोग भी शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने में लगे हुए हैं। इस हृदयविदारक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है और एक बार फिर यह याद दिला दिया है कि छोटे बच्चों के खानपान में अत्यधिक सतर्कता बरतना कितना आवश्यक है।

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