बलिया: नई कार की खुशी में मातम, गाड़ी के शीशे में गर्दन दबने से मासूम की दर्दनाक मौत

बलिया के बेल्थरा रोड क्षेत्र के चन्दाडीह गांव में नई कार की पूजा के दौरान ढाई वर्षीय मासूम बेटे की गाड़ी के शीशे में गर्दन दबने से दर्दनाक मौत हो गई, जिससे परिवार में कोहराम मच गया।

Tue, 11 Mar 2025 19:52:18 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

बलिया: बेल्थरा रोड क्षेत्र में एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जहां नई कार की खुशी मातम में बदल गई। चन्दाडीह गांव स्थित मातुजी महारानी मंदिर में परिवार संग पूजन करने गए एक दंपति के ढाई वर्षीय मासूम बेटे की गाड़ी के शीशे में गर्दन दबने से दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया और खुशी का माहौल मातम में बदल गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मझौवा (चकिया) गांव निवासी रवि ठाकुर ने हाल ही में एक नई कार खरीदी थी। सोमवार को वे अपने परिवार के साथ चन्दाडीह गांव स्थित मातुजी महारानी मंदिर में पूजन-अर्चन करने गए थे। पूजन के दौरान उनकी गाड़ी का आधा शीशा खुला हुआ था। इस बीच उनका ढाई वर्षीय बेटा रेयांश ठाकुर गाड़ी के दरवाजे के शीशे पर गर्दन रखकर बाहर झांक रहा था और बंदरों को देख रहा था।

इसी दौरान, जब कार स्टार्ट की गई, तो गलती से खिड़की का शीशा ऊपर चढ़ गया, जिससे मासूम रेयांश की गर्दन उसमें फंस गई। अचानक हुई इस घटना से परिवार में हड़कंप मच गया। बच्चे को शीशे से निकालते ही वह अचेत हो गया।

परिजन उसे तुरंत नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद रेयांश को मऊ के अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मासूम की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। माता रंभा और पिता रोशन ठाकुर का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पिता का कहना था कि जब ये घटना घटित हुई वो अपने दुकान पर था, जैसे ही घटना की खबर मिली वो तुरंत हॉस्पिटल भागा।

बेटे की अचानक मौत से टूटे माता-पिता ने गहरे सदमे में कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं कराई और पोस्टमार्टम कराए बिना ही सोमवार शाम को अंतिम संस्कार कर दिया। थाना प्रभारी राजेन्द्र सिंह ने बताया कि इस मामले में पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई है।

जब इस घटना के बारे में हमारी यूपी खबर की टीम ने गाड़ी विशेषज्ञों से बात की तो उनका मानना है कि आधुनिक गाड़ियों में ऑटोमैटिक पावर विंडो सिस्टम होता है, जिसमें थोड़ी भी गलती जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसे मामलों से बचने के लिए आवश्यक है कि माता-पिता कार में बैठते समय बच्चों की गतिविधियों पर विशेष ध्यान दें और सुरक्षा उपायों को अपनाएं।

यह दर्दनाक घटना न सिर्फ रेयांश के परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव के लिए एक गहरा आघात बनकर आई है।

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