बलिया: कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार मिलने की संभावना, ओएनजीसी ने शुरू किया खुदाई कार्य

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार मिलने की संभावना के बाद ओएनजीसी ने व्यापक स्तर पर खुदाई और सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया है, इसके लिए अल्फा जिओ इंडिया लिमिटेड को टू-डी सेस्मिक सर्वे का जिम्मा सौंपा गया है।

Sat, 25 Jan 2025 08:35:15 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) और प्राकृतिक गैस के भंडार मिलने की संभावना ने न केवल राज्य बल्कि पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC) ने इस संभावना की पुष्टि के लिए व्यापक स्तर पर खुदाई और सर्वेक्षण का काम शुरू किया है। इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए ओएनजीसी ने अल्फा जिओ इंडिया लिमिटेड को टू-डी सेस्मिक सर्वे का जिम्मा सौंपा है। यह सर्वेक्षण गंगा और तमसा नदी के संगम क्षेत्र में किया जा रहा है, जिसे तेल और गैस के भंडार के लिए संभावित क्षेत्र माना जा रहा है।

सेस्मिक सर्वेक्षण एक तकनीकी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से धरती की सतह के नीचे के भौगोलिक संरचनाओं की जांच की जाती है। इसके तहत जमीन में करीब 22 मीटर तक खुदाई कर विस्फोटक पदार्थ (डायनामाइट) का उपयोग किया जाता है। विस्फोट से उत्पन्न तरंगों को विशेष उपकरणों और सेंसर की मदद से रिकॉर्ड किया जाता है। इन तरंगों के आधार पर उपसतह की छवि तैयार की जाती है, जो यह बताती है कि उस क्षेत्र में तेल या गैस मौजूद है या नहीं।

यह सर्वेक्षण गंगा और तमसा नदी के संगम क्षेत्र में किया जा रहा है, जिसे भूगर्भीय संरचनाओं के आधार पर तेल और गैस के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। इस प्रक्रिया में लगभग 1200 स्थानों पर डेटा संग्रह किया जाएगा। डेटा का विश्लेषण ओएनजीसी के विशेषज्ञ करेंगे, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बलिया जिले में तेल और गैस का भंडार मौजूद है या नहीं।

सेस्मिक सर्वेक्षण के दौरान छोटे विस्फोट किए जाते हैं, जिससे स्थानीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अल्फा जिओ इंडिया ने बलिया जिले के पुलिस प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। इसके अलावा, स्थानीय ग्रामीणों को भी इस प्रक्रिया के महत्व और सुरक्षा पहलुओं की जानकारी दी जा रही है, ताकि वे सहयोग कर सके।

अगर बलिया में तेल या गैस के भंडार की पुष्टि होती है, तो यह उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। इससे न केवल राज्य में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के हजारों नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। तेल और गैस उत्पादन शुरू होने के बाद इस क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी, जिससे ग्रामीण विकास को भी बल मिलेगा।

यदि बलिया में तेल के भंडार की खोज सफल होती है, तो यह न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगा। यह कदम भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के मिशन को मजबूत करेगा।

ओएनजीसी का यह प्रयास उत्तर प्रदेश के बलिया जिले को एक नए ऊर्जा हब के रूप में स्थापित कर सकता है। यह न केवल स्थानीय विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि पूरे देश की ऊर्जा सुरक्षा में भी अहम योगदान देगा। बलिया के लोग इस पहल से काफी उत्साहित हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि यह खोज उनके क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।

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