Mon, 07 Apr 2025 12:22:13 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
बागपत: मानव स्वभाव की दो धाराएँ, लालच और पछतावा जब आमने-सामने होती हैं, तो जो सामने आता है, वह न केवल अपराध की कहानी बनती है बल्कि एक समाज को झकझोर देने वाला आईना भी बन जाती है। बागपत जिले में घटी ऐसी ही एक सच्ची घटना ने पुलिस की सूझबूझ, मानवीय भावनाओं और न्यायिक प्रक्रिया की शक्ति को एक साथ उजागर कर दिया है।
25 मार्च को पकड़े गए गौरव (निवासी आरिफपुर खड़खड़ी) और रॉकी (निवासी हसनपुर, शामली) नाम के दो युवकों ने जब 5.26 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम एटीएम में डालने के लिए बैंक से ली और गबन कर ली, तो शायद उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि कानून की नजर कितनी पैनी होती है। लेकिन किस्मत की दीवारें कब तक टिकतीं?
गड्ढों में गड़े थे करोड़ों, जमीन ने उगले राज
पुलिस की पांच दिन की रिमांड के चौथे दिन, इंस्पेक्टर और दो सिपाहियों समेत छह आरोपियों की पूछताछ रंग लाई। रॉकी ने अपने गांव के खेत में गड्ढा खोदकर वो बैग बरामद कराया, जिसमें पांच करोड़ रुपये दबे हुए थे। वहीं गौरव ने अपने घर में भूसे के नीचे जमीन के गर्भ में छिपाई गई रकम पुलिस को सौंप दी। ये वो पल था जब मिट्टी ने अपने भीतर दबे अपराध को उगल दिया।
मानवता के उस पार: दोस्ती, वर्दी और विश्वास का टूटना
इस पूरे मामले को और सनसनीखेज बना देता है चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों की संलिप्तता। एक इंस्पेक्टर और दो सिपाही न केवल इस अपराध की योजना में शामिल पाए गए, बल्कि उन्होंने इस मामले की छाया को और गहरा कर दिया। पुलिस जैसे भरोसेमंद संस्थान का ऐसा दुरुपयोग समाज को भीतर से तोड़ देता है। क्या वर्दी अब भी भरोसे की निशानी रहेगी? ये सवाल अब हवा में तैर रहा है।
'मौज मस्ती' में बर्बाद किया भविष्य
एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि आरोपियों द्वारा बरामद कराई गई राशि की गिनती जारी है। लगभग पांच करोड़ की राशि बरामद की जा चुकी है, शेष रकम को आरोपियों ने 'मौज-मस्ती', दोस्तों, चंडीगढ़ पुलिस वालों और वकीलों पर खर्च कर डाला। यह रकम सिर्फ नोटों की गड्डी नहीं, बल्कि उन सपनों की राख है जो कभी मेहनत से जिए जा सकते थे।
परिजनों पर भी शिकंजा
जैसे-जैसे जांच गहराई में जा रही है, वैसे-वैसे परतें खुल रही हैं। गौरव और रॉकी के परिजनों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने संकेत दिया है कि इस मामले में कुछ अन्य रिश्तेदारों को भी आरोपी बनाया जाएगा।
न्याय की ओर बढ़ते कदम
सोमवार को सभी छह आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा जाएगा। लेकिन इस कहानी का अंत अभी नहीं हुआ। यह सिर्फ एक अध्याय है, जिसकी अगली पंक्तियाँ अदालत लिखेगी, सच की स्याही से।
समाज के लिए सबक
यह घटना न केवल एक बड़ा अपराध है, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए चेतावनी है, जो बिना मेहनत की कमाई के सपने देखता है। गड्डों में गाड़ी गई रकम बाहर तो आ गई, लेकिन जो विश्वास और इज्ज़त दफन हुई, वो शायद कभी बाहर न आ सके।
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