Fri, 18 Apr 2025 21:17:00 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
आजमगढ़: बरदह थाना पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए टप्पेबाजी के एक गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने राजागंज बाजार के पास हुई टप्पेबाजी की घटना में संलिप्त मास्टरमाइंड सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में वाराणसी में तैनात एक आरक्षी भी शामिल है, जो अवैध गतिविधियों में सक्रिय था। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 85,000 रुपये नकद, तीन मोबाइल फोन और एक मोटरसाइकिल बरामद की है।
जानकारी के अनुसार, यह गिरोह असली मुद्रा को नकली बताकर और रुपये को तीन गुना करने का लालच देकर आम लोगों को ठगता था। देवगांव कोतवाली क्षेत्र के फैजुल्लाहपुर गांव निवासी क्षमानंद यादव इस गिरोह के झांसे में आ गए थे। 13 अप्रैल को वे गोसाईगंज बाजार पहुंचे थे, जहां दो अज्ञात व्यक्तियों ने उनसे संपर्क साधा और रुपये तीन गुना करने का प्रलोभन दिया। इस प्रस्ताव से प्रभावित होकर क्षमानंद 16 अप्रैल को राजागंज बाजार पहुंचे, जहां वे 95,000 रुपये लेकर आए थे।
राजागंज बाजार में पहले से मौजूद दो व्यक्तियों ने क्षमानंद से संपर्क किया और बातचीत करते हुए उन्हें पिछौरा गांव की ओर ले गए। इसी दौरान एक अन्य मोटरसाइकिल पर सवार दो लोग वहां पहुंचे, जिनमें से एक पुलिस की वर्दी पहने हुए था। वर्दीधारी व्यक्ति ने अचानक क्षमानंद के हाथ से 95,000 रुपये से भरा प्लास्टिक का थैला छीन लिया और दोनों मोटरसाइकिल सवार राजागंज की ओर फरार हो गए। पीछे मुड़कर देखने पर क्षमानंद ने पाया कि पहले से संपर्क में आए दोनों व्यक्ति भी अपनी बाइक से पिछौरा की ओर भाग चुके थे।
इस अप्रत्याशित घटना से हतप्रभ क्षमानंद ने तुरंत डायल 112 पर सूचना दी। सूचना के आधार पर थाना बरदह में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू कर दी गई।
बरदह थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बृहस्पतिवार को त्रिवेणी मोड़ से इस गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों में बरदह थाना क्षेत्र के बागपुर गांव निवासी सिपाही अर्जुन भी शामिल है, जो वर्तमान में वाराणसी जिले के राजातालाब थाने में तैनात था। उसके साथ पकड़े गए अन्य आरोपी हैं – देवगांव कोतवाली क्षेत्र के कंजहित गांव निवासी शंकर उर्फ उमाशंकर, राम हरख, गंभीरपुर थाना क्षेत्र के कमरावा गांव निवासी अरविंद गौतम, अरारा गांव निवासी प्रदीप और जौनपुर जिले के केराकत थाना क्षेत्र के कोसइला गांव निवासी रामाशीष।
बरदह थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड राम हरख है। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कई अहम जानकारियां उजागर कीं। पूछताछ में आरोपी अरविंद गौतम ने बताया कि गिरोह का संचालन सिपाही अर्जुन की अगुवाई में किया जाता था। गिरोह के सदस्य भोले-भाले लोगों को रुपये तीन गुना करने का झांसा देते थे। शंकर और राम हरख मिलकर असली नोटों पर बैद्यनाथ के कब्ज दूर करने वाले कैप्सूल का पाउडर लगाते थे, जिससे पानी डालने पर नोट गुलाबी रंग में बदल जाता था। यह प्रक्रिया देखकर आम लोग नोटों को नकली समझते और गिरोह के जाल में फंस जाते थे।
पीड़ितों को विश्वास में लेने के बाद उन्हें सुनसान इलाकों में बुलाया जाता था, जहां वर्दीधारी अर्जुन पुलिस अधिकारी बनकर पहुंचता और छापेमारी का डर दिखाकर उनके रुपये छीन लेता था। भयभीत होकर अधिकांश पीड़ित इस घटना की शिकायत करने से कतराते थे, जिससे गिरोह आराम से अपना काम अंजाम देता था। बाद में ये सभी आपस में लूटी गई राशि को बांट लेते थे।
बरदह थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह ने आगे बताया कि आरोपियों के खिलाफ गहन जांच चल रही है और गिरोह से जुड़े अन्य संभावित सदस्यों की तलाश भी की जा रही है। पुलिस इस गिरोह के नेटवर्क और अन्य ठगी की घटनाओं में उनकी संलिप्तता की भी जांच कर रही है।
पुलिस की इस कार्रवाई से इलाके में एक बड़ा गिरोह बेनकाब हुआ है और इससे आम जनता के बीच सुरक्षा को लेकर एक सकारात्मक संदेश भी गया है। प्रशासन ने भी लोगों से अपील की है कि किसी भी प्रकार के लालच में आकर अनजान व्यक्तियों के झांसे में न आएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तत्काल सूचना पुलिस को दें।