वाराणसी: असम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने रामनगर में दी श्रद्धांजलि, श्रीराम कथा में हुए शामिल

असम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य ने रामनगर में भाजपा नेता अनिल गुप्ता को श्रद्धांजलि दी और श्रीराम कथा में शामिल होकर धर्म, सत्य और करुणा के महत्व पर प्रकाश डाला।

Sun, 08 Jun 2025 00:28:22 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: आज रामनगर की पवित्र भूमि एक साथ श्रद्धा, संवेदना और आध्यात्मिकता का अद्वितीय संगम बन गई, जब असम के राज्यपाल महामहिम श्री लक्ष्मण आचार्य जी ने अपने गृह नगर में दो विशेष अवसरों पर सहभागिता कर जनमानस को भावुक कर दिया। इस दिन की शुरुआत उनके द्वारा भारतीय जनता पार्टी रामनगर के पूर्व मंडल महामंत्री स्वर्गीय अनिल गुप्ता जी के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई। अपने व्यवहारिक और सौम्य स्वभाव के लिए जाने जाने वाले अनिल गुप्ता जी के असामयिक निधन से समस्त क्षेत्र में शोक की लहर व्याप्त है। राज्यपाल ने न केवल उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी, बल्कि शोक संतप्त परिजनों से भेंट कर ढांढस बंधाते हुए यह भी कहा कि समाज के लिए अनिल जी का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।

श्रद्धांजलि अर्पण के पश्चात महामहिम आचार्य जी ने रामनगर में ही आयोजित "श्रीराम कथा" में सहभागी बनकर एक अद्वितीय आध्यात्मिक क्षण का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त किया। कथा के मुख्य वाचक पूज्य स्वामी सुधीरानंद जी महाराज की मधुर, ओजस्वी और आत्मिक वाणी से जब भगवान श्रीराम के जीवन की गौरवगाथा गूंजने लगी, तो वहां उपस्थित श्रद्धालुजन भावविभोर हो उठे। कथा में धर्म, सत्य, करुणा और मर्यादा के उन अध्यायों का गायन हुआ, जो मानवता को युगों-युगों तक दिशा देते रहेंगे।

राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि भगवान श्रीराम का जीवन एक सार्वकालिक प्रेरणा है।जो अपने कर्तव्य, प्रेम और लोक कल्याण की भावना से मनुष्यता को उच्चतम शिखर तक ले जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज को न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है, बल्कि सामाजिक समरसता भी मजबूत होती है।

पूरे आयोजन में स्थानीय श्रद्धालुजन, संतजन, राजनेता और रामनगर के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कथा स्थल पर उपस्थित श्रद्धालुओं की आस्था, अनुशासन और अध्यात्म में डूबा हुआ वातावरण देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो यह स्थान साक्षात अयोध्या की झलक दे रहा हो।

महामहिम श्री लक्ष्मण आचार्य जी ने आयोजन समिति को इस भव्य एवं भावनात्मक श्रीराम कथा के सफल संचालन हेतु हार्दिक बधाई दी और कहा कि ऐसे प्रयासों से लोक चेतना और सांस्कृतिक जड़ों को मजबूती मिलती है।

आज का दिन रामनगर के इतिहास में एक ऐसा अध्याय जोड़ गया, जहां एक ओर श्रद्धा और शोक की संवेदनाओं का सागर बहा, वहीं दूसरी ओर श्रीराम कथा की दिव्यता ने आस्था की गंगा प्रवाहित कर दी। असम के राज्यपाल का यह दौरा केवल एक आधिकारिक उपस्थिति नहीं, बल्कि जन-सरोकार, आत्मीयता और सांस्कृतिक चेतना की वह मिसाल बन गया, जिसकी गूंज देर तक जनमानस में सुनाई देती रहेगी।

सौजन्य: न्यूज रिपोर्ट

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