वाराणसी: अभिनेता अनूप उपाध्याय ने सपरिवार किया काशी विश्वनाथ जी का दर्शन, बनारस को बताया सच्चा हिंदुस्तान

लोकप्रिय अभिनेता अनूप उपाध्याय ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर बनारस की आध्यात्मिकता और संस्कृति को 'सच्चा हिंदुस्तान' बताया। उन्होंने यहां की आत्मिक शांति और अनुभवों को साझा किया, जो उन्हें कहीं और नहीं मिले।

Wed, 30 Apr 2025 21:51:16 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: भारतीय टेलीविजन के बहुचर्चित अभिनेता अनूप उपाध्याय, जिन्हें लोकप्रिय धारावाहिक “भाभीजी घर पर हैं” में डेविड मिश्रा के किरदार से देशभर में पहचाना जाता है, इन दिनों अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर हैं। पहली बार बनारस पहुंचे अनूप उपाध्याय ने काशी विश्वनाथ मंदिर में सपरिवार दर्शन-पूजन कर आध्यात्मिक अनुभूति की। इस मौके पर उन्होंने बनारस की धरती, वातावरण और संस्कृति को अपने दिल से महसूस करते हुए इसे "सच्चा हिंदुस्तान" बताया।

बुधवार को बाबा विश्वनाथ के दर्शन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए अनूप उपाध्याय ने कहा, "यह मेरी पहली बनारस यात्रा है, लेकिन जैसे ही मैंने यहां की धरती पर कदम रखा, ऐसा लगा जैसे अपने घर आ गया हूं। यहां की हवा में जो रस है, वह महादेव का प्रसाद है। बनारस एक ऐसा नशा है जो एक बार सिर चढ़ जाए तो फिर कभी नहीं उतरता।"

अनूप ने कहा कि उन्हें बनारस में वह आत्मिक शांति महसूस हुई, जो वर्षों के अनुभव के बाद भी उन्हें कहीं और नहीं मिली। घाटों की गूंजती आरतियों, साधु-संतों की वाणी, और श्रद्धालुओं की भक्ति से प्रभावित होकर उन्होंने कहा, "यह शहर केवल एक स्थान नहीं, बल्कि एक जीवंत अनुभव है।"

अभिनय की शुरुआत रंगमंच से

उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले के गंजडुंडवारा कस्बे से निकलकर अभिनय की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाले अनूप उपाध्याय का सफर प्रेरणादायक है। बचपन से ही उन्हें अभिनय में गहरी रुचि थी। दिल्ली पहुंचकर उन्होंने रंगमंच पर “देख रहे हैं नयन...” जैसे नाटकों में अभिनय कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। यह नाटक न केवल भारत, बल्कि विदेशों में भी प्रस्तुत हुआ और अनूप को रंगमंच पर मजबूती से स्थापित किया।

टेलीविजन में संघर्ष से सफलता तक

थिएटर में निखरने के बाद उन्होंने मुंबई का रुख किया, जहां 1990 के दशक में दूरदर्शन पर प्रसारित लोकप्रिय धारावाहिक “शांति” से टेलीविजन करियर की शुरुआत की। शुरुआत आसान नहीं थी। उन्होंने बताया कि दो वर्षों तक लगातार संघर्ष करना पड़ा क्योंकि उस समय टेलीविजन इंडस्ट्री सीमित थी। लेकिन धैर्य, लगन और सच्चे समर्पण के साथ उन्होंने अपने अभिनय कौशल को साबित किया।

अनूप उपाध्याय ने “ससुराल सिमर का”, “बालवीर”, “जीजी मां”, “हप्पू की उलटन पलटन”, “एफ.आई.आर.”, और “ब्याह हमारी बहू का” जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों में अपनी भूमिकाओं से दर्शकों का दिल जीता। हालांकि, “भाभीजी घर पर हैं” में निभाया गया डेविड मिश्रा का किरदार उनकी पहचान बन गया। उनका हास्यपूर्ण अंदाज, संवाद की सहजता और अभिनय की गहराई दर्शकों को लंबे समय तक याद रहने वाली बन गई।

संघर्ष, सिद्धांत और सफलता का संदेश

अनूप का मानना है कि सच्चा कलाकार वही होता है जो हर किरदार को आत्मा से निभाए। उन्होंने कहा, "संघर्ष हर कलाकार की यात्रा का हिस्सा है। लेकिन जो सच्चाई और ईमानदारी से काम करता है, उसे सफलता ज़रूर मिलती है।"

युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "किसी के कहने या आकर्षण में आकर इस इंडस्ट्री में न आएं। अगर आपके अंदर टैलेंट, धैर्य और ईश्वर की कृपा है, तो आप जरूर सफल होंगे। यह इंडस्ट्री मेहनत करने वालों को पहचानती है और वक्त आने पर उनका साथ भी देती है।"

काशी में मिला आत्मिक संतुलन

बनारस यात्रा उनके लिए केवल एक धार्मिक दर्शन नहीं, बल्कि एक गहरी आत्मिक साधना रही। उन्होंने कहा, "मैं यहां घूमने और दर्शन करने आया हूं, लेकिन जो अनुभव मुझे यहां मिला, वह मेरे जीवन की अमूल्य पूंजी बन गया।"

इस यात्रा ने न केवल उन्हें नए ऊर्जा से भर दिया है, बल्कि उनके भीतर की भारतीय आत्मा को और गहराई से जुड़ने का अवसर भी दिया है। बनारस की संस्कृति, गंगा की धारा और काशी विश्वनाथ के दरबार में बिताए पल अब उनकी स्मृतियों में स्थायी रूप से बस गए हैं।

हमारे संवाददाता को यह जानकारी देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि वे जल्द ही एक नये प्रोजेक्ट में दिखाई देंगे, जिसमें उनका किरदार पहले से भी अधिक रोचक और चुनौतीपूर्ण होगा।

काशी की यह यात्रा उनके जीवन के उस अध्याय की शुरुआत है जिसमें आध्यात्म, संस्कृति और संस्कारों की शक्ति उनके अभिनय में और अधिक गहराई लाएगी।

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